सुधीर चौधरी और स्मृति ईरानी के बीच की तकरार का एक नया अध्याय तब शुरू हुआ जब स्मृति ईरानी ने हाल ही में हुए चुनावों में हार का सामना किया। पिछले साल Aaj Tak के एक प्रोग्राम में, सुधीर चौधरी ने स्मृति ईरानी से टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर सवाल किया था। इस सवाल पर स्मृति ईरानी भड़क गईं थीं और उन्होंने सुधीर चौधरी के जेल जाने पर सवाल उठाया था। यह वाकया दोनों के बीच सार्वजनिक रूप से हुई एक तीखी बहस के रूप में याद किया जाता है।
अब, जब चुनाव परिणाम घोषित हुए हैं, तो सुधीर चौधरी ने बड़े चाव से इस घटना का विश्लेषण किया। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के 19 मंत्री इस चुनाव में हार गए हैं, और इन 19 मंत्रियों में से सबसे बड़ी हार स्मृति ईरानी की रही है। उन्होंने खासतौर पर इस बात पर जोर दिया कि स्मृति ईरानी कांग्रेस के एक कार्यकर्ता से हारी हैं, जो कि पहली बार चुनाव लड़े थे। सुधीर चौधरी ने इस तथ्य को उभारते हुए कहा कि अगर स्मृति ईरानी राहुल गांधी से हारतीं, तो यह एक अलग बात होती, मगर एक नए कार्यकर्ता से हारना यह दर्शाता है कि स्थिति कितनी बदल गई है।
सुधीर चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में स्मृति ईरानी की हार को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि यह हार न केवल स्मृति ईरानी के लिए, बल्कि पूरी मोदी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। उनके अनुसार, यह चुनाव परिणाम दर्शाता है कि जनता के बीच सरकार की नीतियों और मंत्रियों के प्रदर्शन को लेकर असंतोष है।
इस स्टोरी के माध्यम से सुधीर चौधरी ने न केवल स्मृति ईरानी पर अपने पुराने सवाल का जवाब दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि पत्रकारिता में तटस्थता बनाए रखते हुए व्यक्तिगत मतभेदों को कैसे प्रभावी ढंग से उजागर किया जा सकता है। इस विश्लेषण से सुधीर चौधरी ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी पत्रकारिता के सिद्धांतों पर कायम रहते हुए किसी भी राजनीतिक हस्ती से सवाल करने से पीछे नहीं हटेंगे, चाहे वह कितना भी विवादास्पद क्यों न हो।